शुक्रवार, 16 जून 2017

चने के भाव बिकती डिग्रियाँ : खरीददार चाहिए

कुछ दिनों से अखबारों में कलकत्ता के कई इलाकों में नकली डॉक्टरों के पकड़े  जाने की ख़बर आ रही है। वाकई में यह चिंताजनक खबर है कि मैट्रिक पास लोग भी एम.बी.बी.एस की नकली डिग्री के सहारे कई वर्षों से निर्विरोध चिकित्सा के व्यवसाय में लगे हुए हैं। इनमें से कई तो नामी अस्पतालों में नौकरी करते हुए भी पाये गए । निजी प्रैक्टिस भी खूब चल रही थी । जांच एजेंसियों के चक्कर में आने के बाद बड़े बड़े खुलासे होने लगे । अब इस प्रकार की घटनाओं से ज्यादा हैरान होने की बात नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में नकली शिक्षण संस्थानों की भी खूब बढ़ आई हुई है। अलग-अलग शहरों में बड़े बड़े प्रचार माध्यमों के द्वारा किसी भी डिग्री की परीक्षा पास करवाने की गारंटी सह प्रचार आपको दिख जाएगा। एक पड़ताल के दौरान यह पाया गया कि इन संस्थानों को आप एक निश्चित शुल्क दीजिये,कुछ ही दिनों में वे आपको मनचाही डिग्री मिल जाएगी,चाहे वह चिकित्सा के क्षेत्र की हो या अन्य कोई । कुछ वर्षों पहले हमारी भेंट ऐसे ही एक एजेंट से हुई। विभिन्न प्रकार की डिग्री के लिए भिन्न-भिन्न दर,आपको न तो परीक्षा देने जाना है न ही तो परेशान होने की जरूरत,डिग्री उनके घर से जाकर ले आये। कई राज्यों के विश्वविद्यालय से उनके तार जुड़े होने की बात सामने आई । आजमाने के लिए एक मित्र ने उनके साथ सौदा भी किया । बात 35 हजार रुपये में एम ए की डिग्री के लिए तय हुई । सब कुछ ठीक ठाक चला । डिग्री बड़े ही सुंदर कागज में छप कर आई। विश्वविद्यालय से इसे सत्यापन करने का भी उपाय बताया गया। हमने विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर सत्यापन करना चाहा पर कोई जवाब नहीं आया। बाद में पता लगा कि वो सज्जन डिग्रियां घर मे ही छाप रहे हैं।शहर-दर-शहर गली कूचों में इस प्रकार के एजेंट मिल जाएंगे । ऐसे लोगों के झांसे में पड़कर कई युवक गुमराह होकर पैसे और समय खराब कर रहे हैं। ऐसे मामलों में ठगे गए लोग लोकलाज एवं शर्म से किसी को बताना जरूरी नहीं समझते। यह तो एक छोटा सा उदाहरण है। ऐसी घटनाओं से पूरा देश भरा पड़ा है, हर प्रकार की डिग्री दिलाने का वादा करते हुए मिल ही जाएँगे । पर ठगे जाने के बावजूद लोग कहीं शिकायत नहीं करते हैं। यह देश में एक ज्वलंत मुद्दा है । विद्यार्थी और सरकार दोनों की यह ज़िम्मेदारी बनती है कि ऐसे लोगों को नकेल कसें और ठगी को रोकें ।