शनिवार, 8 सितंबर 2018

हिन्दी व्याकरण : लिंग निर्धारण


लिंग निर्धारण :
पुल्लिंग शब्द :
1. संस्कृत के 'अकारान्त' शब्द संज्ञा - धन,पात्र , वन , जल ,लोभ ,कारण ,दर्शन , पुष्प,चित्र,नृत्य, मेघ, नियम, दोष, न्याय, समाज
अपवाद – जय,विजय,विनय,आय

2. जिन हिंदी संज्ञाओं के अंत में नी ,टी,थी,ली ,ही आदि आए वे प्रायः पुल्लिंग होती है जैसे : दही ,मोती ,घी, पानी, नाइ, हाथी, सिपाही, माली

3. जिन संज्ञा के अंत में उ और ऊ आए वे पुल्लिंग होते हैं | साधू ,शम्भु ,डाकू ,लड्डू, स्वयंभू आदि
अपवाद : बहू, जून, बू आदि
4. संस्कृत को छोड़कर 'तद्भव', देशज,विदेशज, आकारांत संज्ञाएँ पुल्लिंग होती हैं जैसे : दावा, झपट्टा, उलाहना, ताना, पलीता, खलीता, पेशा, मलेरिया आदि |
5. हिंदी के जिन भाववाचक संज्ञाओं के अंत में आव, आवा, ना, पैन, पा हो वे पुल्लिंग होते हैं | जमाव, पड़ाव, दुराव, बढ़ावा, चढ़ावा, बहकावा, गाना, बचपन, लड़कपन, बुढ़ापा, मोटापा आदि |

अर्थ के अनुसार :-
1.  पुरुष बोधक नाम – आदमी,चाचा,पति,पुरुष,बेटा आदि
2.  नर पशुओं के नाम – घोड़ा,हाथी,भेड़ा,बकरा
3.  अनेक बृक्षों के नाम – आम,नीम,चीड़,सागवान,पीपल

अपवाद – इमली (स्त्रीलिंग)
   4. धातुओं,खनिजों,रत्नों के नाम – कोयला, ताम्बा, लोहा, सोना, लाल, हीरा


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