लिंग
निर्धारण :
पुल्लिंग
शब्द :
1. संस्कृत के 'अकारान्त' शब्द संज्ञा - धन,पात्र ,
वन , जल ,लोभ ,कारण ,दर्शन ,
पुष्प,चित्र,नृत्य,
मेघ, नियम, दोष,
न्याय, समाज
अपवाद – जय,विजय,विनय,आय
2. जिन हिंदी संज्ञाओं के अंत में नी ,टी,थी,ली ,ही आदि आए वे प्रायः पुल्लिंग होती
है जैसे : दही ,मोती ,घी, पानी,
नाइ, हाथी, सिपाही,
माली
3. जिन संज्ञा के अंत में उ और ऊ आए वे पुल्लिंग होते हैं | साधू ,शम्भु ,डाकू ,लड्डू,
स्वयंभू आदि
अपवाद :
बहू, जून, बू आदि
4. संस्कृत को छोड़कर 'तद्भव', देशज,विदेशज,
आकारांत संज्ञाएँ
पुल्लिंग होती हैं जैसे :
दावा, झपट्टा, उलाहना,
ताना, पलीता, खलीता,
पेशा, मलेरिया आदि |
5. हिंदी के जिन भाववाचक संज्ञाओं के अंत में आव, आवा, ना,
पैन, पा हो वे पुल्लिंग होते हैं | जमाव, पड़ाव,
दुराव, बढ़ावा, चढ़ावा,
बहकावा, गाना, बचपन,
लड़कपन, बुढ़ापा, मोटापा आदि |
अर्थ के अनुसार :-
1. पुरुष बोधक नाम – आदमी,चाचा,पति,पुरुष,बेटा आदि
2. नर पशुओं के नाम – घोड़ा,हाथी,भेड़ा,बकरा
3. अनेक बृक्षों के नाम – आम,नीम,चीड़,सागवान,पीपल
अपवाद – इमली (स्त्रीलिंग)
4.
धातुओं,खनिजों,रत्नों के नाम – कोयला, ताम्बा,
लोहा, सोना, लाल,
हीरा
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