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मंगलवार, 25 अगस्त 2015
रूठी जवानी याद आ गई
रूठी जवानी याद आ गई
,
क्या हम थे
,
क्या तुम थे
,
क्या गाल थे
,
क्या बाल थे
,
सबकुछ तो है नया नया पर
ना जाने वो कालीमा कहाँ खो गई
,
मुसकुराते बालो की लड़ी रूठकर
,
वीराना कर गई
,
हम दोनों को पूरे सिर से
गंजा कर गई ।
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