आत्मदान बन जाए
परिचय जीवन का ,
समर्पित कर दूँ ,
संचय जीवन का ।
शेष नहीं , शून्य बन जाए ,
अर्थहीन विचरण जीवन का ।
कल्पनावर्ण संशय जीवन का ,
आधारशिला निर्माण ढूंढ रही ,
तेरे निलय में मेरे दर्पण का ।
कोमल मन पर ,शीला लेख है ,
अनुच्छेद क्रम भूला प्रण का ,
यत्र-तत्र समेत रहा हूँ ,
शब्दकोश तेरे विवरण का ।