बुधवार, 7 मार्च 2018

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस दिनांक 08 मार्च 2018 : कुछ विचार

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस दिनांक 08 मार्च 2018 : कुछ विचार 

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक कविता---### रूपेश कुमार###
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एक प्रश्न मेरा भी
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मैं उठा 
और 
खड़ा हो गया 
आईने के सामने 
ताकने लगा 
अपना शक्ल
कहीं वह 
बिगड़ तो नहीं गया 
अभी 
मैं ताक ही रहा था 
कि 
एक बिजली कौंधी 
इस बेजान शरीर में 
मुझे लगा 
शायद 
बीते रात की स्मृति स्वप्न के कारण 
ऐसा हुआ है 
फिर 
एक अजीब- सी
आवाज़ सुनी
जिनमें शब्द थे 
नहीं...नहीं... नही...
मैं सहम- सा गया 
भागा- भागा 
आँगन में आया 
देखा 
एक बच्ची की कलम 
उसका भाई छीन रहा हैं 
बड़े बुज़ुर्ग रोकने की बजाय 
उसका साहस बढ़ा रहे हैं 
मैं स्तब्ध था 
अभी-अभी तो जागा था 
इतने ही देर में 
बच्ची रोते-रोते 
अपनी माँ के पास गयी 
माँ ने उसे कलम की बजाय 
फूलों की माला दे दी 
फिर क्या ?
बंधन की बेड़ियाँ 
पर गयी पैरो में 
अब वह 
ना चौखट पार कर सकती है
और ना ही 
घुँघट हटा सकती है
बस 
अपने माले की हिफ़ाजत ही 
बन गया उसका धर्म 
चूल्हे की ग़ुलामी 
बन गयी उसकी जिंदगी 
फिर 
इसकी पत्नी,उसकी बेटी ,
उसकी बहूँ, इसकी बीबी
बस 
मिल गयी इतनी-सी पहचान
प्रश्न क्या यह नहीं कि-- 
क्यों छीनी गयी थी 
उसकी क़लम ? 
क्यों मिलती है पहचान उसे 
परिवार से ? 
क्यों माँ ने 
खिलौने की बजाय
दी हाथों में फूलों की माला ??
ये सारे प्रश्न है 
उस लड़की से जुड़े 
इस समाज में 
देखें 
क्या हल निकलता है ? 
इन प्रश्नों का 
इनकी जलेगी मशाल 
या फिर 
बर्फ़ की चादर ओढ़े 
सो जायेगी
हमेशा के लिए.....
   
     


Ashutosh Kumar

" I will make him an help meet for him. " said the God and the very first woman, Eve was thus created. Bible asserts that woman was created to be a help to a man. 

Man got a head start in the beginning of civilization as he was head of the family, woman was kept inside to do chores.

The division was unfair but woman accepted their role and fought against gender, society and fate. 

She resisted against atrocities, smiled even in pain and strived for excellence in every sphere. 

Today, woman is far cry from biblical definition. 

Woman has cared and nurtured man in every way imaginable. Man's existence will cease without woman. 

A woman in her different roles as a mother, sister and wife has not only helped man but also helped herself to evolve to be called "the better half". 

This woman's day take a minute, stop whatever you are doing and say "Thank You" to any woman near you. In one way or the other you have been helped by her.



ओम शिवहरे


वो माँ है, बहन है, पत्नी है, बेटी है। संबल है पुरुषों का, उसके कांधे पर सर रख कर अपने दुख-दर्द भूल जाने वाला आदमी उस नारी के दर्द को आज भी नही समझ पाता। बैठ के उनके पास उनको दो शब्द प्रेम के नही बोल पाता। अपनी भाग -दौड़ औऱ परेशानियों का ताना त्याग की मूरत को ही मिलता है। महिलाएं है तो परिवार है - परिवार है तो समाज है - समाज से देश और देशों से दुनिया है। 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।

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