शनिवार, 14 मार्च 2015

महिलाए भी अग्रणी हैं बैंक खाता हैकिंग में

 अपराध जो अबतक एक अनियोजित सेक्टर था अब लगता है सुनियोजित सेक्टर होता जा रहा है । कुछ लोगो का मानना है कि अपराध के क्षेत्र में सिर्फ पुरुषो का ही एकाधिकार है पर हाल की कुछ घटनाओं ने इस धारणा को बदलने का प्रयास किया है ।
इसमें पहली घटना है डेबिट / क्रेडिट कार्ड की जानकारी जुटाने की । मेरे एक मित्र है उनके फोन पर एक महिला ने काल किया और बताया कि मैं एच डी एफ सी बैंक के कार्ड डिविसन से बोल रही हूँ , आप हमारे कंपनी का कार्ड इस्तेमाल करते है इसके लिए आपको धन्यवाद। हमारे बैंक की तरफ से आपके लिए एक विशेष गिफ्ट का ऑफर है । इसमें आपको तीन हजार रुपये का गिफ्ट दिया जाना है । गिफ्ट देने से पहले मैं कनफर्म करना चाहती हूँ कि में सही व्यक्ति से ही बात कर रही हूँ इसका वेरिफिकेशन करना जरूरी होगा । हमारे बात रिकार्ड हो रही है । मित्र ने वेरिफिकेशन करवाने के लिए हामी भर दिया । उनसे सबसे पहला सवाल किया गया कि आप अपने कार्ड के पीछे देख कर बताइये एक लोग होगा वो लोगो मास्टर कार्ड का है या क्या बना हुआ है । मित्र ने निशान के बारे में बता दिया । अगले कुछ प्रश्नों में उन्होने अपने कार्ड के बारे में समस्त जानकारी दे दिया । सौभाग्यवश मैं उनके पास ही खड़ा था । मैंने उनसे पूछ लिया कि क्या बात कर रहे थे । उन्होने सारा वाकया बताया । मन में कुछ शंका हुई । हमने तुरंत बैंक के काल सेंटर में बात किया और इस काल के बारे में जानकारी मांगा । हमें बैंक से बताया गया कि उनके तरफ से ऐसी कोई काल नही की गई है । और यदि कोई ऑफर होता है तो बैंक उसे कस्टमर के मेल पर जानकारी दे देती है । ग्राहक से बात करके उसके कार्ड का विवरण नही पूछती है । मित्र के कार्ड को तुरंत ब्लॉक करवाया गया । वो तो बच गए किन्तु बहुत सारे लोग इस ठगी के शिकार हो जाते हैं । 
      एक दूसरी घटना है जिसमें हमारे कार्यालय के एक कार्मिक को फोन आया कि उनका डेबिट कार्ड ब्लॉक हो गया है । उसको फिर से चालू करवाने के लिए कुछ वेरिफिकेशन करवाना होगा । इसके बाद ही उनका कार्ड चालू हो पाएगा । उन्होने वेरिफिकेशन के लिए अपने कार्ड के बारे में सारी जानकारी दे डाला । सौभाग्य वश उन्हे पास में खड़े किसी मित्र ने सजग किया और वो तुरंत बैंक जाकर अपने कार्ड को ब्लॉक करवाए ।
      एक और घटना में एक मित्र के पास फोन आया कि में स्टेट बैंक कार्ड मैनेजर बोल रहा हूँ । बैंक ने अपने खाताधारको के ए टी एम कार्ड में बदलाव करना शुरू किया है । अब नया कार्ड ग्राहक के फोटो के साथ जारी होगा जिससे कार्ड चोरी होने या खो जाने पर कोई और इस कार्ड का प्रयोग नही कर सकता है । आपका फोटो लगाने के लिए हमे कुछ जानकारी चाहिए । मित्र थोड़ा समझदार थे , उन्होने जांकारे देने से मना किया तो उन्हे बताया गया कि आज सुबह से ही बैंक ने अपने सभी खाताधारको के कार्ड ब्लॉक कर दिया है । हमे ग्राहको से जानकारी लेकर उनके विवरण को अपडेट करना है । डिटेल देने के बाद ही आपका कार्ड चालू हो पाएगा । यदि डिटेल मैच नाही किया तो आपकी खाते में जमा रकम जप्त हो सकती है । मित्र अपनी जमा रकम खोने के भय से डार्ड अपने खाते का विवरण देने वाले ही थे कि सौभाग्यवश उनके फोन की बैटरी खत्म हो गई और फोन ऑफ हो गया । वो तो बच गए पर ऐसे कई लोग हैं जो इस प्रकार के फोन काल के झांसे में आ जाते हैं और अपनी जमा पूंजी गवां बैठते है । गाहे बगाहे मेरे पास भी ऐसे फोन आते रहते हैं ।
      बैंक खाते से इतर एक दूसरे प्रकार की ठगी भी चल रही है जिसमें फोन करने वाला खुद को इन्स्युरेंश अथॉरिटी  ऑफ इंडिया का प्रतिनिधि बताते हैं और आपसे पूछते हैं कि आपके पास जो बीमा की पॉलिसी है उसके बारे में जानकारी देना है । बीमा कंपनी या अजेंट की तरफ से कोई तकलीफ तो नही हो रही है । आपकी किसी असुविधा के निवारण के लिए भारत ह सरकार ने हमारी संस्था बनाई है । और फिर इसके बाद आपसे कई सारी जानकारी ली जाती है। यहाँ कुछ चुराया  तो नही जाता लेकिन आपको गुमराह करके आपसे पैसे  वसूल किए जाते हैं । अभी कल ही मेरे मोबाइल पर एक फोन आया । फोन +919278614840 नंबर से आया था । फोन करने वाली महिला ने अपने आपको इन्स्युरेंश अथॉरिटी  ऑफ इंडिया प्रतिनिधि बताते हुए मुझसे पूछा कि आपके पास LIC की पॉलिसी है उसके बारे में कुछ पूछताछ करनी है । उसकी सेवाओं के बारे में जानकारी अपडेट करना है । मैंने बताया कि मेरे पास LIC के कोई पॉलिसी नही है । तो कहा गया कि किसी और बीमा कंपनी की पॉलिसी तो होगी । मैंने बताया कि मैडम मेरे पास किसी कंपनी का बीमा नही है । और भी कई बाते हुई । मैंने पूछा मैडम क्या आप अपने कार्यालय का पता बता सकती है । किसी मित्र को तकलीफ हुई तो आपके पास भेज सकूँगा । तो मुझे दिल्ली के कनाट प्लेस स्थित भारतीय जीवन बीमा के कार्यालय का पूरा पता बता दिया गया । मैंने कहा मैडम वो तो LIC का आफिस है , आप अपने आफिस का पीटीए बताइये । तो बताया गया कि हम LIC के आफिस में ही बैठते हैं । मैंने अपने LIC के मित्रों से पता किया तो बताया गया कि ऐसी कोई संस्था है ही नही ।

      इन घटनाओं में समस्त काल महिलाओं द्वारा किया गया था । और बड़े ही सफाई से जानकारी ली जाती है । लोगो को भ्रम होगा कि ठगी का क्षेत्र असंगठित क्षेत्र होता है तथा इस क्षेत्र में महिलाएं नही होती हैं । पर मुझे यकीन होने लगा कि अब ठगी भी संगठित क्षेत्र का व्यवसाय हो गया है और महिलाए इस क्षेत्र में भी बराबर की भागीदारी निभा रही हैं ।

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