शनिवार, 28 मार्च 2020

किसान क्रेडिट कार्ड : NABARD QUESTION

कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख क्षेत्र है और फसली ऋण, कृषि उत्पादन को बढ़ाने, टिकाऊ और लाभदायक, खेती प्रणाली को विकसति करने में सहायक है। प्रदेश में लघु एवं सीमान्त श्रेणी के कृषक परिवारों की संख्या 92.5 प्रतिशत है जिसमें सीमान्त श्रेणी के 79.5 प्रतिशत एवं लघु श्रेणी के 13.0 प्रतिशत कृषि परिवार है। सीमान्त श्रेणी के 79.5 प्रतिशत कृषकों में से 73.2 प्रतिशत कृषक ऐसे हैं जिनकी जोत 0.5 हे० से कम है और उनकी औसत जोत 0.27 हे० है। पर्याप्त जोत के अभाव में उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं होती कि वह नई तकनीकि को अपनाकर वैज्ञानिक ढ़ंग से खेती कर सकें। व्यवसायिक बैंकों के माध्यम से कृषकों को मुख्यतया लघु एवं सीमान्त श्रेणी के कृषकों को समय से, कम ब्याज पर और पर्याप्त फसली ऋण की उपलब्धता न केवल उनकी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने, सम्पत्तियों के निमार्ण में और खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में सहायक है। इस कारण प्रदेश/भारत सरकार की प्रमुख अभिरूचि है कि अधिक से अधिक बैंकिंग प्रणाली से जुड़े और अपनी स्थिति को बेहतर बनाने में व्यवसायिक बैंकों से प्राप्त फसली ऋण का उपयोग करें।
प्रदेश शासन ‘‘उत्तर प्रदेश कृषि नीति, 2013’’ जारी करते हुए प्रदेश को देश के खाद्यान्न भण्डार के रूप में परिवर्तित कर खाद्य एवं पोषक तत्व सुरक्षा तथा ग्रामीण जीवन में गुणात्मक सुधार कर ग्रामीण जीवन जन-मानस की बिना पर्यावरणीय क्षरण के आर्थिक वृद्धि एवं खुशहाली को सुनिश्चित करने की परिकल्पना को पूर्ण करते हुए कृषि क्षेत्र में 5.1 प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने को संकल्पिक है।
इसके लिए कृषि निवेशों को आसानी से कृषकों को उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक प्रबन्ध करने तथा कृषि निवेशों में कृषि ऋण की बढ़ती उपयोगिता के कारण प्रदेश के समस्त पात्र कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कृषि ऋण उपलब्ध कराने एवं किसान क्रेडिट कार्ड के अधिक से अधिक उपयोग हेतु प्रदेश शासन द्वारा अपने कृषि नीति में विशेष बल दिया गया है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की समीक्षा करने और के०सी०सी० योजना को स्मार्टकार्ड सह-डेविट कार्ड बनाने के लिए भारत सरकार, वित्त मन्त्रालय, वित्तीय सेवायें विभाग द्वारा गठित कार्यदल की रिपोर्ट और संस्तुतियॉ भारत सरकार द्वारा स्वीकार कर ली गयी है, भारत सरकार द्वारा स्वीकार की गयी संस्तुतियों के आधार पर बैंकों को परिचालनात्मक मार्ग-निर्देश जारी किये गये हैं, मार्ग-निर्देशों की मुख्य बातों में निम्नलिखित शामिल हैं:-

फसली ऋण घटक का ऑकलन

  • फसल के लिए वित्तमान + बीमा किस्त × फसली क्षेत्र की सीमा + फसल कटाई के बाद/घरेलू/उपयोग आवश्यकताओं के लिए ऋण सीमा का 10 प्रतिशत + फार्म असेट रख-रखाव खर्चों के लिए 20 प्रतिशत के आधार पर किया जायेगा।
  • सीमान्त कृषकों के लिए निर्धारित सामान्य आँकलन के साथ फ्लैक्सी किसान क्रेडिट कार्ड।
  • किसान क्रेडिट कार्ड की वैधता 05 वर्ष।
  • फसली ऋणों के लिए अलग से मार्जिन पर जोर देने की आवश्यकता नहीं, क्योकि मार्जिन वित्तमान में शामिल है।
  • खात से कोई आहरण 12 माह से अधिक समय के लिए बकाया नहीं रहेगा, किसी भी समय खाते में नामे राशि को शून्य करने की आवश्यकता नहीं।
  • समय से भुगतान के लिए ब्याज सहायता/प्रोत्साहन भारत सरकार तथा/अथवा राज्य सरकार के मानदण्डों के अनुसार उपलब्ध होगा।
  • रू० 3.0 लाख की सीमा तक प्रोसेसिंग फीस नहीं।
  • पहली बार आहरण करते समय एकमुश्त प्रलेखन और इसके बाद किसान द्वारा सामान्य घोषणा (उगाई गई/प्रस्तावित फसलों के सम्बन्ध में)।

किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ

प्रदेश में कार्यरत व्यवसायिक, ग्रामीण एवं सहकारी बैंकों के माध्यम से किसान के्रडिट कार्ड द्वारा कृषकों को पर्याप्त एवं समय से फसली ऋण उपलब्ध कराना शासन का उद्देश्य है, जिससे कृषक अपनी खेती एवं खेती सम्बन्धी अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए कृषि विकास में अपना योगदान दे सके। किसान क्रेडिट कार्ड से निम्न लाभ है
  • अल्प अवधि में फसली ऋण के आवश्यकता की पूर्ति।
  • कटाई उपरान्त खर्च का वहन।
  • बाजार ऋण की अदायगी।
  • कठिनाई के दिनों में परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति।
  • कृषि सम्बन्धी उपकरण की मरम्मत।
  • कृषि सम्बन्धी अन्य कार्यों में आवश्यक खर्चे का वहन।
  • कृषक दुर्घटना बीमा योजना से आच्छादन।
  • कृषि ऋण के समय से अदायगी पर प्रदेश/भारत सरकार द्वारा घोषित ब्याज दरों में कटौती का लाभ।
  • किसान क्रेडिट कार्ड से फसल बीमा योजनाओं, प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा के अन्तर्गत अधिसूचित फसलों के लिए, लिये गये फसली ऋण अनिवार्य आधार पर कवर।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और अटल पेंशन योजना NABARD QUESTIONS

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 


विस्तृत विवरण इस लिंक पर पढ़ें 

https://www.india.gov.in/hi/spotlight/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%AB%E0%A4%B8%E0%A4%B2-%E0%A4%AC%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE#tab=tab-1



                                                    विस्तृत विवरण इस लिंक पर पढ़ें 

https://www.india.gov.in/hi/spotlight/%E0%A4%85%E0%A4%9F%E0%A4%B2-%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%B6%E0%A4%A8-%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE

NABARD ASST MANAGER RAJBHASHA QUESTION PAPER

NABARD Asst Manager Rajbhasha Previous years question paper. इस लिंक से डाउनलोड करें।
https://drive.google.com/file/d/1WfjpfpX2Ngohlbc8OJWv49GL7qO_NMbP/view?usp=drivesdk

शुक्रवार, 27 मार्च 2020

लॉकडाउन कवि सम्मेलन

लॉकडाउन कवि सम्मेलन- कोरोना के कहर से पूरा विश्व लॉक डाउन में हैं । सभी अपने घरों में बंद हैं । इस बंदी में मस्तिष्क को तरोताजा रखने के लिए नवोदित कवियों की रचनाओं का संकलन कर यह लॉकडाउन कवि सम्मेलन का सत्र प्रारंभ किया जा रहा है । इसमें शामिल होने के लिए अपनी रचनाएँ samvadm@gmail.com पर टंकित कर वर्ड फॉर्मेट में यथाशीघ्र  भेजें । 



बबलू कुमार राजभर की कलम से 

यूं तो संसार आज कोरोना से क्रुद्ध है 
ज्यों छिड़ा तृतीय विश्वयुद्ध है 
पर मेरे धड़कनों में खौफ नहीं तेरा 
क्योंकि 
मेरे पास साबुन और मास्क शुद्ध है 
गर छुआ मुझे तो तू ! जल जाएगा
क्योंकि साँससोन में आग लिए 
बाबलू बारूद है । 



कोरोना
दीपा गुप्ता की कलम से 

है सिर्फ तीन शब्दों का कोरोना
आकार मे चिटि से भी छोटा
  पर करता है काम 
परमाणु बम से भी खतरनाक
है सभी को समझना जरूरी
नहीं है ये कोई मामूली मुद्दा
बचाना है अपनी खूबसूरत  दुनिया को
पर नहीं है इससे डरना  घबराना
ठीक नहीं यह समय किसी  भी मतभेद का
जरूरी है लड़ना अभी  कोरोना से
रखना होगा थोड़ी सतकर्ता धैर्य थोड़ा
भगाने इस महामारी को
तब दिखेगा रेड सिग्नल कोरोना को
फिर लगेगा खुशियों का मैल ।
                           - दीपा गुप्ता


पूजा की कलम से 

संकट 
ना जाने कौन था वो 
ना जाने कौन था वो 
जो आया जिंदगी में हमारे
 तोड़ने हमारे सपनों को 
मोड़ने हमारे मंजिलों को,
डरे हम,सहमे हम 
पर कहीं रुके नहीं हम 
यह तो फितरत है हमारी 
ना डरेंगे,ना रुकेंगे 
ना हारेंगे कभी 
क्योंकि .. 
सपनों की उड़ान 
बाकी  है अभी 
मंजिलों की तलाश 
बाकी है अभी 
कुछ कदम डगमगा रहे हैं 
जिन्हें सम्हालना-सवाँरना 
बाकी है अभी 
संकटों को मिटाना 
बाकी है अभी,
उसका अस्तित्व मिटाना 
बाकी है अभी ।। 


फ़िरदौस की कलम से 

तुम 

एक प्यारा सा ख्वाब हो तुम 
एक मधुर एहसास हो तुम 
छू जाए मन को 
एक ऐसा ख्याल हो तुम । 
तुम ही कहो 
ये कैसा सवाल हो तुम .. .. ??


कलम से लिख दूँ तो कविता हो,
आँखों से पढ़ दो तो गीत हो,
स्पर्श करूँ तो जैसे बारिश की बूंद,
कभी सुबह की धुंध,
तो कभी रात की चाँदनी,
यथार्थ में हो भी 
या कल्पनाशील जाल हो तुम ,
तुम ही कहो 
ये कैसा सवाल हो तुम .. .. ??


दुआ करूँ तो इबादत हो 
मन्नत मांगु तो चाहत हो,
उदासी भी मेरी तुम ही हो 
तुम ही मेरी शरारत हो । 
दिमाग का भ्रम हो या दिल का हाल हो तुम 
तुम ही कहो 
ये कैसा सवाल हो तुम .. .. ??

दिल के आशियाने में 
आए हो मेहमान की तरह
लबों पर सजते हो मुस्कान की तरह । 
खुदा कहूँ तुम्हें 
या तो हाफ खुदा का नायाब हो तुम,
तुम ही कहो 
सवाल हो या 
खुद जवाब हो तुम .. ??


शनिवार, 21 मार्च 2020

*Translate into Hindi.हिंदी में अनुवाद करें


निम्नलिखित अनुच्छेद का हिंदी में अनुवाद कर संदेश बॉक्स में पोस्ट करें :-

Wearing a medical mask is one of the prevention measures to limit spread of certain respiratory diseases, including 2019-nCoV, in affected areas. However, the use of a mask alone is insufficient to provide the adequate level of protection and other equally relevant measures should be adopted. If masks are to be used, this measure must be combined with hand hygiene and other IPC measures to prevent the human-to-human transmission of 2019-nCov. WHO has developed guidance for home careb and health care settingsc on infection prevention and control (IPC) strategies for use when infection with 2019-nCoV is suspected.Wearing medical masks when not indicated may cause unnecessary cost, procurement burden and create a false sense of security that can lead to neglecting other essential measures such as hand hygiene practices.



बुधवार, 18 मार्च 2020

कर्मचारी राज्य बीमा निगम में सहायक निदेशक (राजभाषा) के 13 पदों पर भर्ती

कर्मचारी राज्य बीमा निगम में सहायक निदेशक (राजभाषा) के 13 पदों पर भर्ती के लिए 
(UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION) द्वारा आवेदन आमंत्रित किया गया है । विवरण :- 


Number of Posts and Reservation

UR
EWS
OBC
SC
ST
PH
Total
6
1
4
2
0
0
13


Post Description


Pay Scale
  Level-10 plus other emoluments applicable, as per the 7th CPC PB-3(Rs.15600-39100) plus Rs.5400/- Grade Pay plus Other emoluments applicable, as per the 6th CPC (Pre-revised).
Age
  Not exceeding 35 years as on normal closing date. 38 years for OBC candidates and 40 years for SC candidates for vacancies reserved for them. Relaxable for regularly appointed Central/U.T Government Servants and employees of the Employees’ State Insurance Corporation upto five years in accordance with the instruction or orders issued by the Central Government. For age concession applicable to some other categories of applicants, please see relevant paras of the ‘Instructions and Additional Information to Candidates for Recruitment by Selection.’
Essential Qualificaiton (s)
  (A) Educational
(i) Masters degree of a recognised University in Hindi with English as a compulsory or elective subject or as the medium of examination at the degree level.
Or
(ii) Masters degree of a recognised University in English with Hindi as a compulsory or elective subject or as the medium of examination at the degree level
Or
(iii) Masters degree of a recognised University in any subject other than Hindi or English, with Hindi medium and English as a compulsory or elective subject or as the medium of examination at the degree level
Or
(iv) Masters degree of a recognised University in any subject other than Hindi or English, with English medium and Hindi as a compulsory or elective subject or as a medium of a examination at the degree level
Or
(v) Masters degree of a recognised University in any subject other than Hindi or English, with Hindi and English as compulsory or elective subjects or either of the two as a medium of examination and the other as a compulsory or elective subject at the degree level.
Note The qualifications are relaxable at the discretion of the Union Public Service Commission, for reasons to be recorded in writing, in the case of candidates otherwise well qualified.
(B) Experience
(i) Three years experience of using or applying Terminology (Terminological work) in Hindi and translation work from English to Hindi or vice-versa, preferably of technical or scientific literature under the Central Government or State Governments or Autonomous Body or Statutory Organisations or Public Sector Undertakings or Universities or recognised research or educational institutions
Or
(ii) Three years experience of teaching in Hindi and English or research in Hindi or English under the Central Government or State Governments or Autonomous Body or Statutory Organisations or Public Sector Undertakings or Universities or recognised research or educational institutions.

Note The qualification(s) regarding experience is/are relaxable at the discretion of the Union Public Service Commission, for reasons to be recorded in writing in the case of candidates belonging to the Scheduled Caste or the Scheduled Tribe, if at any stage of selection, the Union Public Service Commission is of the opinion that sufficient number of candidates from these communities possessing the requisite experience are not likely to be available to fill up the vacancies reserved for them.
Desirable Qualificaiton (s)
  Studied one of the languages other than Hindi included in the Eighth Schedule of the Constitution at 10th level from a recognised Board.
Duty(ies)
  1. To assist the Regional Director in all his duties when they are posted in Regions.
2. To assist Joint Director in his duties at Hqrs. Office.
3. To perform such duties as may be assigned to them.
Probation
  One year.
Head Quarter
  ESI Corporation, Panchdeep Bhawan, C.I.G. Marg, New Delhi -110002.
Other Details
  Permanent Post, Group ‘A’, Non-Gazetted, Non-Ministerial.

आवेदन के लिए लिंक 





गुरुवार, 12 मार्च 2020

राजस्थान उच्च न्यायालय अनुवादक परीक्षा २०१७ का प्रश्नपत्र

राजस्थान उच्च न्यायालय अनुवादक परीक्षा २०१७ का प्रश्नपत्र इस लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं । 


https://drive.google.com/open?id=1PTARTvq_kEFf6-7kVtVhEfzOqrPOcE-m


विधिक अनुवाद (Legal Translation) के कुछ सूत्र । उड़ीसा के एक विश्वविद्यालय की वेबसाइट से साभार प्रस्तुत। 

https://drive.google.com/open?id=1VD5J9nwt2whtFiL2I-seQvUqRe1QQCoc

वीडियो लिंक 

https://youtu.be/kb3Jcuo21BE

बुधवार, 11 मार्च 2020

Mock Test मॉक टेस्ट : एसएससी अनुवादक परीक्षा पेपर 1

एसएससी अनुवादक परीक्षा के पेपर 1 के लिये मॉक टेस्ट सिरीज पुनः प्रस्तुत। यह क्विज मेकर एप्प में बना है अतः इसे खोलने के लिये पहले क्विज मेकर एप्प गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लीजिये,उसमें इसे खोलिये और प्ले बटन दबाकर प्रारम्भ कर दीजिये।
https://drive.google.com/file/d/1653LnLYv59y084HicK1ducTWTxmD_XB-/view?usp=drivesdk

शुक्रवार, 6 मार्च 2020

अनुवाद अभ्यास TRANSLATION PRACTICE


निम्नलिखित अवतरण का हिंदी में अनुवाद करें 



One Indian weighing 70 kg, uses 1500-kg car to travel'

70 किलो का एक भारतीय यात्रा के लिए 1500 किलो की कार का प्रयोग करता है ।

Need personal transport designed to move one person'

एक व्यक्ति के परिवहन के लिए व्यक्तिगत वाहन(विशेष) के निर्माण की आवश्यकता है

Indians use cars too big by size for moving a single person and the fate met by Tata Nano was unfortunate, Mahindra & Mahindra MD Pawan Goenka said.

महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने कहा, ‘एक व्यक्ति के परिवहन के लिए भारतीय बहुत बड़े कार का प्रयोग करते हैं और टाटा नैनो का हश्र दुर्भाग्यपूर्ण रहा है’।

He also conceded the automobile industry did add to pollution and pitched for adopting means to reduce it.

उन्होंने यह भी स्वीकार किया परिवहन उद्योग भी प्रदूषण बढ़ाते हैं साथ ही इसे कम करने उपाय अपनाने पर बल दिया ।

The Tatas had discontinued Nano after a poor response to the 600-cc ₹1-lakh car.

600-सीसी के लखटकिया(एक लाख वाली) कार के खराब प्रदर्शन के कारण टाटा ने नैनो को बंद कर दिया ।

Many experts had blamed its utilitarian product pitch in a country where owning a car was seen as a lifestyle necessity as the reason for the failure.

कई विशेषज्ञ यह आक्षेप लगते हैं कि कि जिस देश में कार रखना जीवनशैली(संपन्नता) के आवश्यक अंग के रूप में देखा जाता है वहाँ इस प्रकार के उपयोगी(व्यावहारिक) उत्पाद की प्रस्तुति इसके असफलता का कारण है ।

"It is very unfortunate that the Nano didn't do very well," Mr. Goenka said,speaking at an alumni event organised by his alma mater IIT-Kanpur here.

अपने शिक्षण संस्थान आई आई टी-कानपुर के पूर्व छात्रों द्वारा आयोजित एक समारोह में बात(चर्चा) करते हुए श्री गोयनका ने कहा, “यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि नैनो काफी अच्छा(प्रदर्शन) न कर सकी”।
He said Indians, weighing 65-70 kg, use an entire 1,500 kg car to travel individually,hinting at the wastage of resources that go into making the big car move.

बड़ी कार के निर्माण में संसाधनों की बर्बादी की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने बताया कि 65-70 किलो के भारतीय अकेले यात्रा के लिए पूरे 1,500 किलो के कार का प्रयोग करते हैं।

“We need to have personal transport that is more tuned to moving a single person,” he said.

उन्होंने कहा, “हमें ऐसे व्यक्तिगत वहाँ की आवश्यकता है जो अकेले व्यक्ति के परिवहन के लिए पूर्णतः सक्षम हो”।
Keeping the same requirement in mind, Mr. Goenka said his company had launched a smaller car.

इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए श्री गोयनका ने बताया(कहा) कि उनकी कंपनी ने एक छोटी कार उतारी(लांच) है ।