सोमवार, 20 मई 2019

कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन EPFO में सहायक के पद पर भर्ती

कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन में सहायक के 280 पदों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया दिनांक 30 मई 2019 से प्रारम्भ होगी । इसके लिए अभ्यर्थी को दिनांक 25जून 2019 को स्नातक होना चाहिए । फोरम भरने की अंतिम तिथि 25 जून 2019 है । इसकी परीक्षा दिनांक  30 और 31 जुलाई को होगी । विस्तृत विवरण के लिए इस लिंक पर जाएँ ।
https://www.epfindia.gov.in/site_docs/PDFs/Recruitments_PDFs/Exam_RR_Assistan_51.pdf


मंगलवार, 14 मई 2019

Essay SURGICAL STRIKE(HINDI) सर्जिकल स्ट्राइक

यह एक सुनियोजित सैन्य कारवाई होती है जिसका उद्येश्य अतिरिक्त
क्षतिपूर्ति से बचते हुए एक निश्चित लक्ष्य पर हमला कर उसे नेस्तनाबूद
करना होता है। यादि विस्तारित रूप  से देखें तो पाएंगे कि युद्ध
कौशल का यह ऐसा रूप है  जिसमें बिना किसी पूर्व सूचना या जानकारी के एक राष्ट्र के सैनिक दूसरे राष्ट्र में सैनिक कार्रवाई को अंजाम दे आते हैं |
युद्ध कला के क्षेत्र में इस नए शब्द का सृजन संभवतया अमेरिका द्वारा
ओसामा बिन लादेन के खात्मे के दौरान किये गए सैनिक कार्रवाई के दौरान हुआ। चलिए सबसे पहले हम सर्जिकल स्ट्राइक का शाब्दिक या भावार्थ समझ लें |
शल्य चिकित्सा के दौरान चिकित्सक मरीज के शरीर के प्रभावित अंग को या तो चीर कर या काटकर अनावश्यक या खराब तंतु को काटकर निकाल देता है तथा शरीर के उसी हिस्से में स्थित अन्य तंतुओं को किसी प्रकार की क्षति नहीं
पहुँचती है | इसी सूत्र को लेकर सैन्य कार्रवाई को सर्जिकल स्ट्राइक का
नाम दिया गया | इसे यदि कुछ और परिस्कृत करें तो हम पाएंगे कि इस प्रकार
की युद्ध शैली छापामार युद्ध या गोरिल्ला वारफेयर का ही एक रूप है। गुरिल्ला वारफेयर या छापामार युद्ध कौशल भी एक प्रकार का युद्ध कौशल है जिसमें हमलावर ऐसे समय में हमला करता है जब लक्ष्य असावधान |   सबसे पहला
छापामार युद्ध 360 वर्ष ईसवी पूर्व चीन में सम्राट् हुआंग से अपने शत्रु
सी याओ (Tse yao) के विरुद्ध लड़ा था। इसमें सी याओ (Tse yao) हार गया। इंग्लैड के इतिहास में भी छापामार युद्ध का वर्णन मिलता है। केरेक्टकर
(Caractacur) ने दक्षिणी वेल्स के गढ़ से छापामार युद्ध में रोमन सेना को
परेशान किया था। भारत में छापामार युद्ध का सर्वप्रथम प्रयोग महाराणा
प्रताप ने अकबर के विरूद्ध किया था। बाद में उनसे प्रेरित होकर छत्रपति
शिवाजी महाराज ने मलेंछो के खिलाफ इसका प्रयोग किया।मराठो के इन छापामार युद्धों ने शक्तिशाली मुगल सेना का आत्मविश्वास नष्ट कर दिया। शंताजी घोरपड़े और धनाजी जाधव नाम के सरदारों ने अपने भ्रमणशाली दस्तों को इसमे महारत हासिल थी। जब मुगल सेना आक्रमण की आशा नहीं करती थी, उस समय आक्रमण करके उन्होंने प्रमुख मुगल सरदारों को विस्मित और पराजित किया। मराठों की सफल छापामार युद्धनीति ने मुगल सेना के साधनों को ध्वस्त कर दिया और उनके अनुशासन और उत्साह को ऐसा नष्ट कर दिया कि सन् 1706 ई. में औरंगजेब को अपनी उत्तम सेना को अहमदनगर वापस बुलाना पड़ा। छापामार मराठे अपने घोडो पर सवार होकर
चारों ओर फैल जाते, प्रदाय रोक लेते, अंगरक्षकों के कार्य में बाधा डालते
और ऐसे स्थान पर पहुँचकर, जहाँ उनके पहुँचने की सबसे कम आशा होती, हमला देते। इस युद्धनीति ने मुगलों की कमर तोड़ दी, उनके साधनों को नष्ट कर दिया इनकी फुर्ती के कारण मुगल सेना इनको पकड़ न सकी। इसी लिए स्पेन के छापामारों ने प्रायद्वीपीय युद्ध में और रूस के अनियमित सैनिकों ने मास्को के युद्ध में नैपोलियन की नाक में,दम कर दिया। अमरीकी क्रांति में कर्नल जान एस. मोसली इत्यादि प्रमुख छापामार थे। इस क्रांति में छापामार युद्धों ने एक नई दिशा ली। अब तक युद्ध राज्यों द्वारा लड़े जाते थे। किंतु अब यह राष्ट्रीय विषय बन गया और नागरिक भी व्यक्तिगत रूप से इसमें सम्मिलित हो गए।
समय के साथ ही युद्धकौशल में भी परिवर्तन होता जा रहा है | किसी जमाने
में तीर- कमान से होने वाले युद्ध आज अंतरिक्ष युद्ध के रूप में बदलते जा
रहे हैं | अब जब साजो-सामान,अस्त्र- शस्त्र आदि बदल रहे हैं तो युद्ध
शैली का बदलना स्वाभाविक है |
सर्जिकल स्ट्राइक का प्रारूप :- किसी भी युद्ध में युद्धस्थल में जाने के
पूर्व कई प्रकार से तैयारी करनी आवश्यक होती है | इन तैयारियों में सबसे
पहली तैयारी होती है संभावित लक्ष्य की गतिविधियों सहित उसके बारे में
सम्पूर्ण ताजातरीन जानकारी रखना | दूसरे और सबसे महत्वपूर्ण तैयारी का
हिस्सा है सही दल का चयन | लक्ष्य की शक्ति एवं कमजोरियों का आंकलन
करते हुए उसे धराशायी करने के लिए समुचित संख्या में तथा सर्वथा उपयुक्त
दल का चयन अत्यावश्यक है  | इस प्रकार के अभियान में शामिल होने वाले
लोगों को इस हद तक प्रेरित किया जाता है कि वे अपने लक्ष्य के निर्मूलन
के अतिरिक्त अन्य बातों की और ध्यान न दें | तीसरा है उस चयनित दल को
सही प्रशिक्षण देना |चौथा तथा सबसे महत्वपूर्ण है अभियान की गुप्त रूप से तैयारी,अभियान को गुप्त रखना और हर गतिविधि में दल के सदस्यों के बीच सही तालमेल और फिर समयबद्धता | इन समस्त तैयारियों के पश्चात अभियान की सफलता के बाद नियत समय में पूरे सदस्यों के साथ सही सलामत अपने क्षेत्र में वापस आना बहुत बड़ी जिमेदारी होती है |
सर्जिकल स्ट्राइक का क्षेत्र : सर्जिकल स्ट्राइक हमेशा ऐसे स्थानों पर की
जाती है जहाँ व्यावहारिक या वैधानिक अड़चनों के कारण सीधे सैन्य कार्रवाई
करने में अड़चन हो | अमूमन ऐसी स्थिति तब आती है जब एक देश का भगोड़ा
आतंकवादी किसी दूसरे देश की सीमा में या उसके संरक्षण में रह रहा हो |
जैसे ओसामा बिन लादेन आदि जैसे लोग किसी अन्य देश की सीमा में थे जहाँ
सीधे सैनिक कार्रवाई से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा बनाये नियमों का
उल्लंघन होता तथा इसमें अधिक जन , बल और धन खर्च होता | और फिर अभियान गुप्त न रह पाता तथा लक्ष्य को और भी सुरक्षित स्थान में छिप जाने का भय बना रहता है | चाहे इजराइल हो, अमेरिका, रूस या भारत, हर देश अपने घर के दुश्मनों को जड़ से मिटाने के लिए  इस प्रकार के अभियानों के लिए अलग से ही उपाय किये रहते हैं |
सर्जिकल स्ट्राइक के खतरे : ऐसा नहीं है कि सर्जिकल स्ट्राइक से केवल
लक्ष्य को ही ख़तरा रहता है | सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले देश पर भी ख़तरा
रहता है | सबसे बड़ा ख़तरा तो यही होता है  कि अभियान दल का कोई सदस्य यदि किसी वजह से उस देश से वापस न आ सका तो यह एक अंतर्राष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन का  मुद्दा बन सकता है जिसके कारण युद्ध,संयुक्त राष्ट्र संघ के सख्त नियमों का कोपभाजन बनने का खतरा रहता है |
सबकुछ होते हुए भी, सर्जिकल स्ट्राइक एकमात्र ऐसा उपाय है जिसके प्रयोग
से दुसरे देश में छुपा हुआ दुश्मन या आतंकवादी ख़त्म करने की परम्परा
राष्ट्रहित में एक अच्छी चलन है और इस प्रकार के चलन का हर देशभक्त
नागरिक स्वागत ही करेगा |


(इस आलेख का कुछ अंश विकिपीडिया से भी लिया गया है)

मंगलवार, 7 मई 2019

ESSAY-DIGITALISATION


DIGITALISATION

Digitisation is defined as the 'technical process' of "converting analog information into digital form" (i.e. numeric, binary format, as zeros and ones) and digitalisation is a process of leveraging digitisation to improve business process. From the day of incarnation as a human being, man has continuously been in the quest of knowledge and use the same knowledge in his overall development. With the advent of concept of digitalisation by Gottfried Wilhelm von Leibniz  In 1703 in his publication Explication de 'Arithmétique Binaire’ initially developed as a base-2 numerical system, the concept of digitalisation took a leaping pace.The system was further developed and complemented by scholars such as George Boole (1854), Claude Shannon (1938) and George Stibitz during the 1940s.
With the advent of world wide web in the 1990s, digitization has changed the way we work, shop, bank, travel, educate, govern, manage our health, and enjoy life. The technologies of digitization enable the conversion of traditional forms of information storage into the binary code (ones and zeros) of computer storage. A sub-set is the process of converting analog signals into digital signals. But much larger than the translation of any type of media into bits and bytes is the digital transformation of economic transactions and human interactions. In 1755  Samuel Johnson publishes  A Dictionary of the English Language and includes an entry for “Binary arithmetic,” quoting Ephraim Chambers’ Cyclopaedia.
Today, Stibitz is considered one of many pioneers of the digital computer, through the development of the first electromechanical computer. The first electronic computer was introduced by John Atanasoff in 1939. With the development of personal computers,the process of digitalization accelerated. The producers of computers such as the Simon in 1950, Apple II in 1977 and IBM PC in 1981 the wings of digitalisation started flying higher.
The introduction of the  digitalization fundamentally changed, resulting in the increased pressure on the societal transformation process. In 2000, digitalization began to be used more widely as a concept and argument for an overall governmental introduction of IT, increased usage of internet and IT on all levels. A similar development began in the general business climate in order to raise awareness regarding the issue and opportunity. Further it became the basis for creation of e-governance and information society.Now a days digitalisation is being used in various fields such as political, business, trade, industry and media discourses. Following are few fields where digitalisation is widely used :-
1. In  hospitality management- Data in the form of online content is being transferred to the desired agency in the hospitality industry thus making it easier for the transaction of business between customer and the industry.
2. In e-commerce: The process of digitalisation has affected the whole process of business and it has resulted in advent of an era of e commerce where leading players of various industries have forayed their business on e commerce platform. It has resulted in development of infrastructure as well.
3. In banking industry : Digitalisation has transformed the whole banking business bringing every services to the palm of the customers. It has resulted in reduction of manpower in operation and delivery of quick services.It has facilitated introduction of services at at every nook and corner and with a vivid experience.
4. In training :With the increase of online learning tools and facilities organisations and individuals are looking for more flexible ways per personal development and all of it has become possible bringing trainer and trainee on a common platform from farthest corner of the world.
5. In healthcare: The information technology has transformed the whole healthcare industry from rags to rashes. The delivery of services and facilities have improved not only in medical consultation but also in the surgical intervention, and the advent of robotic surgery and use of artificial intelligence in the field has also improved overall delivery of health services. It involves storage and exchange of clinical data, inter-professional communication, computer-based support, patient-provider interaction and service delivery and education. 
6. In engineering : The field of engineering is one of the related field of digitalisation which is largely being transformed due to the digitalisation. To name a few leading fields of engineering we can relate space science, environmental science and infrastructure development.
            Every facility which is a boon to the society sometimes has its own demerits. And thus, digitalisation also carries some demerits. The main demerit of the digitalisation has emerged as a threat to the privacy and loss of personal data. This loss is a resultant of the negative and destructive activities such as hacking, fishing, whishing and so on. The theft of identity results in loss of money due to digital theft in banking transaction, unlawful data breach may result in the loss of vital security and secrecy information of a person or country. It may also lead to creation of artificial disaster leading to a massive catastrophe.
Despite all odds, digitalisation is a boon not only for human being but also for the whole universe.

Essay on Nuclear Programme of India

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